बसंत पंचमी को कुंभ का
तीसरा और आखिरी शाही स्नान है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के
दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं,
इसलिए इस दिन पर संगम में
स्नान का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म की मान्यता के
मुताबिक, विद्या की देवी सरस्वती के अवतरण का यह दिन ऋतु परिवर्तन का
संकेत भी है। कल्पवासी बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं।
संगम तट पर आस्था और
श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए आ रहा
है। अलग-अलग अखाड़े के संत आज आखिरी शाही स्नान में हिस्सा लेते हैं।
अखाड़ों के स्नान के बाद आम श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे।
केंद्रीय मंत्री और
निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति भी शाही स्नान में हुईं शामिल।
बसंत पंचमी के मौके पर
शाही स्नान के लिए कुंभ के निरंजनी और आनंद अखाड़ा के साधु और नागा बाबा एक साथ
स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री और निरंजनी
अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति भी शाही स्नान के लिए पहुंची।
ड्रोन कैमरे से कुंभ की झलकियां
बसंत पंचमी के मौके पर
कुंभ के अलग-अलग अखाड़ों ने संगम पर शाही स्नान किया। दुनिया भर से
आये लाखों श्रद्धालुओं ने भी संगम में डुबकी लगाई।
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