दक्षिण अमेरिका के एंडीज
क्षेत्र में जन्म लिया है कि वार्षिक संयंत्र Chenopodium quinoa से उत्पादन किया
है कि एक खाद्य बीज है। यह एक अनाज माना जाता है और पकाया जाता है जब छोटे बीज एक
शराबी स्थिरता और एक हल्के, नाजुक अखरोट के स्वाद के साथ, थोड़ा कुरकुरा है। Quinoa प्रोटीन, कैल्शियम और लोहे में
उच्च है और एक अपेक्षाकृत अच्छा विटामिन ई के स्रोत और विटामिन बी के कई है।
Quinoa कई आधुनिक व्यंजनों में उपयोग के लिए क्षमता है और
स्वास्थ्य खाद्य दुकानों और प्रमुख सुपरमार्केट से उपलब्ध उत्पादों की एक बड़ी
रेंज देखते हैं। यह मुक्त लस है,
Quinoa भी लस असहिष्णुता के साथ
उन लोगों के लिए अपील की। उत्पाद बीज, आटा, पास्ता और रोटी शामिल हैं।
किनोवा बथुआ प्रजाति का
सदस्य है जिसका वनस्पति नाम चिनोपोडियम किनोवा है ग्रामीण क्षेत्र में शब्द
उच्चारण के कारण इसे किनोवा, केनवा आदि कई नाम
से बताया जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिकी देशों में की जाती है। जिसमें
इंग्लैंड, कनाडा, आस्टेलिया, चाइना, बोलिविया, पेरू इक्वाडोर आदि| किनोवा की खेती इस फसल को रबी के मौसम में उगाया जाता है।
इसका उपयोग गेहूँ चावल सूजी की तरह खाने में किया जाता है।
कैसे करें खेत की तैयारी
खेत की तैयारी के लिए खेत
को अच्छी तरह से 2 और 3 बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए अंतिम जुताई
से पहले खेत में 5,6 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद मिला देना चाहिए फिर
उचित जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।
कब करें किनोवा की बुआई
इसकी बुआई अक्तूबर,
फरवरी, मार्च और कई जगह जून-जुलाई में भी की जाती है | इसका बीज बहुत ही छोटा होता है इसलिए प्रति बीघे में 400 से
600 ग्राम पर्याप्त होता है इसकी बुआई कतारों में और सीधे बिखेर कर भी कर सकते है।
इसका बीज खेत की मिट्टी में 1.5 सेमी से 2 सेमी तक गहरा लगाना चाहिए जब इसके पौधे
5,6 इंच के हो जाये तब पौधे से पौधे के बीच की दूरी 10 से 14 इंच बना लेनी चाहिए|
अन्य पौधे को हटा देना चाहिए।
सिचाई और खरपतवार
बुआई के तुरंत बाद सिचाई
कर देना चाहिए इसके पौधे को बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है फसल लगाने से
काटने तक 3 से 4 बार पानी देना पर्याप्त रहता है। जब पौधे छोटे रहे तब खरपतवार को
निकलवा देना चाहिए कीट और रोग प्रबंधन किनोवा के पौधे में कीटो और रोगों से लड़ने
की बहुत ज्यादा क्षमता रहती है साथ ही पाले और सूखे को भी सहन कर सकते है। अभी तक
इस पर किसी भी प्रकार के रोगों की जानकरी नही मिली है।
फसल की कटाई और कढाई
किनोवा की फसल 100 दिनों
में तैयार हो जाती है अच्छी विकसित फसल की ऊंचाई 4 से 6 फिट तक होती है इसको सरसों
की तरह काट कर थ्रेसर मशीन में आसानी से निकाल सकते है बीज को निकालने के बाद कुछ
दिनों की धुप आवश्यक होती है । प्रति बीघा उत्पादन 3 से 8 क्विंटल तक होता है।
किनोवा की मुख्य बातें
अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में
इसका भाव 50 से 100 रुपये किलो तक है
100 ग्राम किनोवा में 14
ग्राम प्रोटीन, 7 ग्राम डायटरी
फाइबर 197 मिली ग्राम मैग्नेशियम 563 मिली ग्राम पोटेशियम 5 मिली ग्राम विटामिन B
पाया जाता है।
इसका प्रतिदिन सेवन करने
पर हार्ट अटेक, कैंसर और सास सम्बन्धित बीमारियों में लाभ मिलता है।
कम पानी और कम खर्च में
अच्छा लाभ देने वाली फसल है।
इसके पत्तों की भांजी बना
कर भी खाया जा सकती है।
यह खून की कमी को दूर
करता है|
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