1990
के दशक से चीन और भारत विश्व में सबसे अधिक
जनसंख्या वाले देश हैं लेकिन इंटरनेट की बात करें तो 1990 से अमेरिका
और यूरोपीय देशों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का प्रतिशत सबसे अधिक था।
इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में अमेरिका सन 1990 से 2007 तक शीर्ष
पर रहा लेकिन 2007
के अंत तक चीन ने अमेरिका को एक पायदान पीछे धकेल
दिया और शीर्ष की बादशाहत अपने नाम कर ली।
इस होड़ में भारत ने भी अपना सामर्थ्य दिखाया और वर्ष
2013 के
अंत तक अमेरिका को दुसरे पायदान से पीछे धकेल दिया। वर्ष 2013 में
भारत में सिर्फ 19%
ही इंटरनेट उपयोगकर्ता थे।
भारत में इंटरनेट क्रांति का आरम्भ
भारत में इंटरनेट क्रांति का आरम्भ करने में
रिलायंस टेलिकॉम का अहम योगदान रहा है रिलायंस टेलिकॉम ने 2008 में अपनी जीएसएम
सेवा शुरू की। कंपनी ने 3G सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए
2011 में MIMO तकनीक
का उपयोग करना शुरू किया, जिसमें 28MB /s तक की
डेटा दर उपलब्ध थी।
रिलायंस जीएसएम सेवा शुरू होने
के बाद 2008 से 2015
तक 23 फीसदी इंटरनेट उपभोक्ता बढे। 2008
में भारत में कुल जनसंख्या का 5% ही इंटरनेट का प्रयोग करता था। 2015 तक यह
हिस्सा बढ़ कर 28%
हो गया था।
सितम्बर 2015 में रिलायंस ने जियो सर्विस शुरू की।
इसके बाद तो मानो भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की बाढ़ ही आ गई हो। 2016 से जून
2019 तक कुल
जनसंख्या का 40%
फीसदी इंटरनेट उपभोक्ता हो गये।
30 सितंबर 2019 तक, जियो भारत में दूसरा सबसे बड़ा
मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर है और 355.17 मिलियन से अधिक ग्राहकों के साथ दुनिया में
चौथा सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर बन गया है।
स्टैट्स मीडिया ने सन 1990 से 2019 तक
सबसे अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं वाले देशों के बारे में जानकारी के लिये यह विडियो
YouTube पर जारी
किया था।
शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय
राष्ट्र इंटरनेट पैठ में सबसे आगे थे, लेकिन इनमें से अधिकांश देशों को 2018
अंत तक चीन, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, वियतनाम, जापान, दक्षिण
कोरिया और
अन्य विशाल जनसंख्या लाभ वाले देशों ने आसानी से पीछे छोड़ दिया।
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